পাতা:ধর্ম্মব্যাখ্যা (প্রথম পর্ব্ব).djvu/১১৯

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विोच्न[ ג וצאזאfיא هیوه \ भट्टैश्चe चांकटनंद्र जदिङ cर श्रृंtएक भाषांशांवेि णचक अtrइ, काश1 दिनई ददेरळ भाrद्र नt, देशहै इटै रहेब पोरक । चांड अरैक्रन जइज देविब्र निकांवरै दी कि अंकांदब नेिन्नई एइ, छांशe दूकाईद्वा ¢वन । जाघ्रां६ । जछि ७ङ्गठब्र कषः जिजाना कब्रिड्राइ, कथा? अकहे शैद्वजांध्र पूड़ि८७ हऐरव । यषरब ७का कूण झूडेखि बूसिंज्ञा नe । नtन कब्र, जकन-चांद्र अदङ्गक५कषानि श्रृंश् चारश् । वै श्रृंश्चानित्व बदश चक्छरै कद्रहावि० नबि५{ चन्ह । भरद्र cवनं है श्रृप्रज जङाउब ररेष्ठ बागब्रानि नबूकव७ एऐब्र, श्रृंटरब बथाबर्डिं, “बाबूद्राभिरक चाविन कब्रिन। वैश्रृंटरब विजTांति स उदछrछब्रश् दांडूकलिङ्ग थ८डाक चभूह बस्रब्र बांरिब cर बनख জাকাশ পরিব্যাপ্ত ভাবে রহিয়াছে, ইহাও অবশু স্বীকাৰ্য্য। এখন এই জাকাभटक झूरेछि नांव वि८७ थांब्र, ७काभ्रे,-‘श्रृंरीब्र-चांकांशं' च्षांब्र ७का?,-“बांब्रवैोब्र • জাকাশ" । ঐ আকাশটি যদিচ নিতান্ত নিৰ্ম্মল পদার্থ,তথাপিঐ গৃহের ভিত্তি, HHH C DDDDDBB DDBBB BBBB BBBS BBBBD DBBBBB नबि4ज श्रेब्रटिह ; ८पथादन शृंटरव्र लिखि, शउ ७ जङTछब्रह दांडूबांषि আছে, যেখানে আকাশনিৰ্ম্মলভাবে পরিলক্ষিত হয় না । কিন্তু তন্মধ্যে,ৰেখানে शृदहश्च खिखि ७ झांड, cनषांcन चांकांशं मिष्ठांछहे बनिनट्दथषाद्वैो, चांद्र ৰেখামে বায়ুপূর্ণ, সেখানে অপেক্ষাকৃত কিছু নিৰ্ম্মল। কিন্তু ঐ বায়ুতে গৃহের স্বাপরাশি ৰিমিশ্রিত হওয়ায়, জাকাশ কেবল বায়ুরাশির সহিত মাখাইয়া ८दक्कन्छांद्रद रणधी ऎछि७, ७शरणंभ चांब्र७ अर्षिक बलिन्न फांदांगंङ्ग एदेब्राहइ । ५भम ददि८कान धकांटन भै बांबूद्रांलिब्र भश श्रेष्ठ श्रृंप्रद्र बाँच्णwवि गृधक कब्रिद्रा cन७द्रा पाइ, उट्द $ बाबू जटमकछे मिनि रह, ५व९ cमरे,नांकृ,ि भरश cर जाकांनं झूठे रहेrज् हिण, ज्ांद० किडू विषय रा, किरू इंटरन फिखिद्र बटश cर जाकांनं जारा भूकमज्दे पाकिरव । *५र्णड, श्रचेि ¢कांव ८कौभटन ये बांबूदाचि७ दिमहे खब्रिहः ८क्नॉन वांछ, মৃত্ত ১ ৮ মাৰ নে আকাশ ছিল তাৰ আগৰ প্ৰজা প্রভৃতি ήτη बणिन७ १iकिद्वह ब्र) ; धमक शृंदइब छिडिब्र * नई भाकरें★♚कब्र मनिनrश्वतं भक्रिा ! लिब फकृtश शृक्लक्छ भद्मपर्णे cष सिकन डराइ ८कानच,िकृकि बी।•अझ अङ्गक, क्ति